दिल्ली हाईकोर्ट के जज के बंगले से भारी मात्रा में नकदी बरामद
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने जज जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले से भारी मात्रा में नकदी मिलने के आरोपों की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया और कहा कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय जस्टिस वर्मा से जुड़े मामले की आंतरिक जांच कर रहे हैं।

नई दिल्ली : वह अपनी रिपोर्ट देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना को सौंपेंगे। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला लेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का प्रस्ताव जांच के मामले से अलग है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को हुई सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण बैठक में जस्टिस वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच पर आम सहमति बनी। बैठक में सुझाव दिया गया कि दंडात्मक ट्रांसफर पर्याप्त नहीं होगा। कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने न्यायपालिका की छवि बचाने के लिए जस्टिस वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई का सुझाव दिया।
सदस्यों ने जस्टिस वर्मा से इस्तीफा मांगने का भी सुझाव दिया। इससे पहले गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक हुई, जिसमें जस्टिस वर्मा को उनके मूल हाईकोर्ट इलाहाबाद भेजने का प्रस्ताव रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने बयान जारी कर कहा कि इस तबादले का जस्टिस वर्मा के घर और उसकी आंतरिक जांच से जुड़े मामले से कोई लेना-देना नहीं है। जस्टिस वर्मा और दोनों हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को तबादले के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा गया है। इस बारे में जानकारी सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर भी अपलोड नहीं की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान जारी कर जस्टिस वर्मा के मामले पर सफाई दी। इसमें कहा गया है, जस्टिस वर्मा के घर पर हुई घटना की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले से तय दिशा-निर्देशों के तहत आंतरिक जांच शुरू कर दी है।
■ यह आंतरिक जांच 20 मार्च की कॉलेजियम मीटिंग से पहले ही शुरू हो गई थी। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) को देंगे। रिपोर्ट पर विचार करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
■ बयान में कहा गया है, जस्टिस वर्मा के घर पर हुई घटना को लेकर गलत सूचनाएं और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस वर्मा को उनके मूल हाई कोर्ट इलाहाबाद, जहां उनकी वरिष्ठता नौवीं है, में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव आंतरिक जांच प्रक्रिया से अलग और स्वतंत्र है।
■ तबादले के प्रस्ताव पर 20 मार्च को सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के अन्य चार वरिष्ठतम जजों ने विचार किया था। इसके बाद तय प्रक्रिया के अनुसार सलाहकार जजों, दोनों हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और जस्टिस वर्मा को पत्र भेजकर प्रस्ताव पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई है। जवाब मिलने के बाद कॉलेजियम उन पर विचार कर अंतिम संस्तुति जारी करेगा। होली की छुट्टियों के दौरान 14 मार्च को रात 11:30 बजे जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित बंगले में आग लग गई थी। जस्टिस वर्मा घर पर नहीं थे। आग बुझाते समय पुलिस और दमकलकर्मियों को एक कमरे में बड़ी मात्रा में नकदी मिली। इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी गई, जिससे मामला सीजेआई खन्ना तक पहुंचा।