अब आप स्वयं ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र
जन्म एवं मृत्यु पंजीयन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नई पहल की जा रही है। इसके तहत पंजीयन प्रक्रिया पंजीयक संस्था, ग्राम पंचायत सचिव, शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी तथा स्थानीय नगरीय निकाय जहां जन्म या मृत्यु की घटना घटित हुई है, के प्रभारी द्वारा पूर्ण की जाएगी।

CHHATTISGARH: इस प्रक्रिया के तहत अब जन्म-मृत्यु पंजीयन तीन सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से कराना होगा। घर में घटित घटनाओं के लिए ग्राम पंचायत, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल, निजी अस्पताल तथा नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय नगरीय निकाय में पंजीयन कराया जाएगा। महत्वपूर्ण यह है कि जन्म या मृत्यु की घटना का पंजीयन उसी स्थान पर कराना होगा, जहां घटना घटित हुई हो। हितग्राही के घर के नजदीक पंजीयन इकाई में पंजीयन का प्रावधान नहीं है। योजना एवं सांख्यिकी विभाग की उप संचालक पायल पाण्डेय ने बताया कि पहले यह प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों द्वारा दिया जाता था, लेकिन अब इसे ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से सरल कर दिया गया है। अब परिजन संबंधित पंचायत सचिव या संस्था में जाकर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं, तथा फिर ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
प्रक्रिया को सरल बनाने की पहल, 21 दिन के भीतर करना होगा आवेदन- छत्तीसगढ़ में वर्तमान में लागू जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1969 तथा जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन (संशोधन) अधिनियम 2023 के आधार पर जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन नियम 2001 के तहत जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। अधिनियम में जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन को एकरूप और अनिवार्य बनाया गया है तथा घटना स्थल पर संबंधित रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद 16 सितम्बर 14 से जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार की नियुक्ति की गई है। जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम के प्रमुख प्रावधान हैं कि जन्म या मृत्यु की घटना घटित होने के 21 दिन के भीतर घटना का रजिस्ट्रेशन कराना होता है। रजिस्ट्रेशन की प्रथम प्रति और घटना का प्रमाण पत्र जन्म और मृत्यु के 21 दिन के भीतर निःशुल्क दिया जाता है।
कई योजनाओं और कार्यों में होती है इसकी जरूरत- जन्म प्रमाण पत्र जन्म स्थान और जन्म तिथि का कानूनी प्रमाण है। इसी तरह पैतृक संपत्ति और बीमा राशि का दावा करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के तहत इसका महत्व है। साथ ही हर स्थान के लिए जन्म और मृत्यु का वैधानिक रजिस्टर होता है। यह सामाजिक-आर्थिक नियोजन के लिए जनसांख्यिकीय डेटा, स्वास्थ्य प्रणालियों के विकास और जनसंख्या नियंत्रण का महत्वपूर्ण स्रोत है। 01 अक्टूबर 2023 या उसके बाद जन्मे व्यक्ति के लिए जन्म तिथि और स्थान साबित करने के लिए, शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए, जन्म तिथि के प्रमाण के तौर पर आधार, पैन, पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों के लिए, सरकारी और निजी नौकरियों के लिए, जन्म तिथि के सत्यापन के लिए, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए और विवाह पंजीकरण के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
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