
राजकीय पशु : जंगली भैंसछत्तीसगढ़ शासन ने जुलाई, 2001 में राज्य पशु के रूप में दुर्लभजंगली भैंसों को चुना है। अंग्रेजी भाषा में इसे ब्यूबेलस तथा ब्यूबेलिस और हिन्दी में अरना (नर) या अरनी (मादा) कहते हैं। जंगली भैंसा मुख्यतः नेपाल की तराई के घास वनों, असम में ब्रह्मपुत्र के मैदान, ओडिशा के कुछ हिस्सों और छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मुख्यतः इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान, कुरू वन-क्षेत्र पामेड़ अभयारण्य एवं उदन्ती अभयारण्य में पाए जाते हैं।

राजकीय वृक्ष : सालसाल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है। इस वृक्ष की पत्तियाँ 10-25 सेमी लम्बी और 5-15 सेमी चौड़ी होती है। नमी वाले क्षेत्रों में यह सदाबहार है तथा शुष्क क्षेत्रों में पर्णपाती है।

राजकीय पक्षी : पहाड़ी मैनाछत्तीसगढ़ शासन ने जुलाई, 2001 में राज्य पक्षी के रूप में बस्तरिया पहाड़ी मैना को अपनाया, जिसे अंग्रेजी में ग्रेट पेनिन्सुलेरिस कहते हैं। यह एक नकलची पक्षी है। यह पक्षी बस्तर में अबूझमाड़, छोटे डोंगर, बेंची, बारसूर, पुलचर तिरिया और बैलाडीला गिरि श्रृंखला आदि तक सीमित है। इसके पंख काले, जिसके छोर सफेद होते हैं, चोंच गुलाबी तथा पैर पीले होते हैं। काँगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहाड़ी मैना को संरक्षित किया जा रहा है।

राजकीय चिह्न- छत्तीसगढ़ शासन ने 4 सितम्बर, 2001 को राज्य का प्रतीक चिह्न अपनाया। ऐसा माना जाता है कि छत्तीसगढ़ नाम इस क्षेत्र के 6 गढ़ों अथवा बसाहों की प्रमुख विशेषता के कारण पड़ा।इन गढ़ों का उल्लेख अनेक बार किलों के रूप में भी हुआ है। छत्तीसगढ़ की नदियों को रेखांकित करती हुई लहरें भी हैं।

YouTube channel Search – www.youtube.com/@mindfresh112 , www.youtube.com/@Mindfreshshort1
नए खबरों के लिए बने रहे सटीकता न्यूज के साथ।