भारत

शोधकर्ताओं ने मकड़ियों का अध्ययन करते समय इसे देखा, तीतर परिवार से

कर्नाटक के बेलगाम जिले के रामदुर्ग के आसपास की पहाड़ियों में दुर्लभ रंग-बिरंगी बत्तख की नई नस्ल खोजी गई है। पहाड़ियों के झाड़ीदार इलाकों में पाई जाने वाली यह बत्तख बेहद संवेदनशील और शर्मीली होती है। यह तीतर परिवार से ताल्लुक रखती है। नर बत्तख ज्यादा चमकीले रंग के होते हैं, जबकि मादा बत्तख हल्के रंग की होती हैं। ये दौड़ते तो बहुत तेज हैं, लेकिन इनके लिए उड़ना मुश्किल होता है। शोधकर्ता शशिकांत कम्बनवर ने इस नस्ल की खोज की है।

मकड़ियों पर अध्ययन करते समय केपीटीसीएल अधिकारी शशिकांत की नजर इस बत्तख पर पड़ी। इसे पेंटेड स्पैरोफाउल कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम गैलोपेरडिक्स लुनुलता है। अनुकूल जलवायु बेलगाम में बत्तख पालन एक लाभदायक व्यवसाय है। यहाँ की जलवायु और पानी की उपलब्धता बत्तख पालन के लिए अनुकूल है। बत्तखें नदियों, तालाबों, झीलों, समुद्र, दलदलों और खुले पानी के पास पाई जाती हैं। इन्हें ज़मीन और पानी दोनों पर पाला जा सकता है।

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