पाकिस्तान को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए भारत ने उसके साथ राजनयिक संबंध कर दिए हैं कम
पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए भारत ने उसके साथ राजनयिक संबंध कम कर दिए हैं और दोनों देशों में राजनयिकों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी है।

इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान के बड़े हिस्से की जीवन रेखा मानी जाने वाली सिंधु नदी का पानी रोकने के लिए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को अब सार्क वीजा जारी नहीं किया जाएगा और सार्क वीजा पर भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानियों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ ये कड़े फैसले लिए गए। बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा, भारत अपनी ओर से सिंधु जल संधि को तब तक निलंबित कर रहा है, जब तक पाकिस्तान आतंकी हमले बंद नहीं कर देता।
इसके अलावा अटारी-वाघा सीमा को तत्काल बंद किया जा रहा है। वैध दस्तावेजों के साथ इस रास्ते से आए पाकिस्तानी एक मई तक वापस जा सकेंगे। मिस्त्री ने कहा, दिल्ली और इस्लामाबाद स्थित दोनों देशों के उच्चायोगों में राजनयिकों की संख्या सीमित की जा रही है और नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में मौजूद रक्षा सेवा अधिकारियों को अवांछनीय घोषित किया गया है। उन्हें देश छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। सीसीएस की बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, पहलगाम में हुई घटना के हमलावरों को ही नहीं, बल्कि उनके आकाओं और साजिशकर्ताओं को भी इसका परिणाम भुगतना होगा। बहुत जल्द हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सिंह ने कहा, भारत ऐसी किसी भी आतंकी गतिविधि से डर नहीं सकता। निकट भविष्य में ऐसी कायराना हरकतों का कड़ा जवाब दिया जाएगा। राजनाथ ने डोभाल और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह बात कही।