विज्ञान

स्पेस x की सफलता

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से सुरक्षित वापस लौट आए हैं। दरअसल, जब दुनिया की सबसे शक्तिशाली अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर लाने में विफल रही, तो उसे निजी अंतरिक्ष एजेंसी स्पेसएक्स से मदद मांगनी पड़ी। यह अलग बात है कि स्पेसएक्स और नासा के बीच पुरानी प्रतिद्वंद्विता रही है। स्पेसएक्स के मालिक, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार एलन मस्क ने तेईस साल पहले 14 मार्च, 2002 को इस निजी अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना की थी।

उन्होंने अपनी वित्तीय लेनदेन कंपनी पेपाल को 175 मिलियन डॉलर में बेचा, जिसमें से उन्होंने 100 मिलियन डॉलर स्पेसएक्स में निवेश किए। 2004 में एलन मस्क और उनके साथियों ने स्पेसएक्स के बजाय किस्टलर एयरोस्पेस को नासा द्वारा एकमात्र अनुबंध दिए जाने के विरोध में सरकारी जवाबदेही कार्यालय के सामने नासा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। बहरहाल, मस्क और उनकी कंपनी अंतरिक्ष की दुनिया में आगे बढ़ती रही, लेकिन स्पेसएक्स का अंतरिक्ष का सफर इतना आसान नहीं होने वाला था। स्पेसएक्स के पहले तीन रॉकेटों का प्रक्षेपण विफल रहा। इससे न केवल स्पेसएक्स, बल्कि टेस्ला समेत मस्क की अन्य कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गईं। मस्क निराश जरूर हुए, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2008 की शुरुआत में मस्क नासा से आर्थिक मदद पाने में लगभग असफल हो गए थे, लेकिन उसी साल के अंत में उन्होंने नासा से 1.6 अरब डॉलर की रकम हासिल कर ली।

इसके बाद स्पेसएक्स ने ऐसी उड़ान भरी कि वह बदस्तूर जारी है। सीमित संसाधनों के साथ अपना काम शुरू करने वाली स्पेसएक्स के पास फिलहाल करीब 12 हजार लोगों का स्टाफ है और उसने 240 फाल्कन रॉकेट भी लॉन्च किए हैं। साल 2022 में मानकों की अनदेखी करने पर स्पेसएक्स पर 18,475 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया, तो मस्क ने पूर्व राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन पर सुनीता और बुच की वापसी में राजनीतिक कारणों से इस अभियान में बाधा डालने का आरोप भी लगाया। अब मस्क ने स्पेसएक्स क्रू 10 ड्रैगन कैप्सूल में सुनीता और बुच को धरती पर लाने का इरादा जताया है और कहा है कि वह मंगल ग्रह पर मानव कॉलोनी बसाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को अमल में लाएंगे। उन्होंने 2017 में घोषणा की थी कि वह 2024 में लाल ग्रह (मंगल) पर इंसानों को भेजेंगे। हालांकि, अब ऐसा 2033 तक होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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