धर्म-अध्यात्म

कब होते हैं शनिदेव नाराज

सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है। इसी तरह शनिवार शनिदेव का प्रिय दिन है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शनिदेव की विधिवत पूजा करने से व्यापार में वृद्धि होती है। साथ ही शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और कुंडली में शनि दोष से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनि दोष कब लगता है? अगर नहीं जानते तो हम आपको इसका कारण बताते हैं। कब लगता है शनि दोष? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी जीव की हत्या करने से शनि दोष लगता है। ऐसे में व्यक्ति को करियर में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही रिश्तों में दरार भी आ सकती है। इसके अलावा परिवार में किसी के साथ गलत व्यवहार करने से भी शनि दोष लगता है। शनिदेव की पूजा के दौरान नियमों का पालन करना चाहिए।

ऐसे में पूजा के दौरान जाने-अनजाने में की गई गलती से भी शनि दोष लगता है। शनि दोष को ऐसे पहचानें और काम में आने वाली बाधाओं का सामना करें।कर्ज की समस्या बढ़ना। धन का धीरे-धीरे खर्च होना। किसी से वाद-विवाद होना।कड़ी मेहनत करने के बाद भी जीवन में सफलता न मिलना।

शनि दोष के उपाय – शनि दोष दूर करने के लिए शनिवार का दिन शुभ माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और पेड़ की सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद सच्चे मन से शनिदेव की स्तुति और चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शनि दोष से मुक्ति मिलती है।इसके अलावा कुंडली में शनि दोष दूर करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं। इस उपाय को करने से व्यक्ति को शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष की समस्या दूर होती है।

शनि देव के मंत्र

1. ॐ शं शनैश्चराय नमः।

2. ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।

3. ओम नीलाजं समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।

4. ओम शन्नो देवीराभष्टिदपो भवन्तुपितये।

5. ओम भगभवाय वदमिहैं मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्।

शनिदेव के नाराज होने पर ये होते हैं संकेत, शनिदेव के दिन शनिदेव से जुड़ी चीजों की विशेष पूजा और दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि शनिदेव के नाराज होने पर व्यक्ति को अपने जीवन में क्या संकेत मिलने लगते हैं, जिससे जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।शनिदेव कब नाराज होते हैं? जो व्यक्ति शनिवार का दिन बिताता है या फिर अमावस्या के दिन मांस-मदिरा का सेवन करता है, उससे शनिदेव नाराज हो जाते हैं। इसके साथ ही जो लोग गरीब और अपाहिज लोगों को परेशान करते हैं या उनका मजाक उड़ाते हैं, उन्हें भी शनिदेव के प्रकोप का सामना करना पड़ता है।

ऐसी स्थिति में आपको किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना चाहिए। अगर आपकी कुंडली में शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती या ढैय्या की स्थिति बन रही है तो इससे संबंधित उपाय करें। इसके लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और उसकी सात बार परिक्रमा करें। शनिदेव के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करने से भी आपको शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। बुरे कर्मों से दूर रहें और भगवान शनिदेव से अपने पिछले पापों के लिए क्षमा मांगें। इसके साथ ही शनिवार के दिन कपड़े, तिल, उड़द, गुड़, सरसों का तेल आदि दान करने से भी ग्रह दोष शांत हो सकता है।

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